Saturday, October 4, 2008

169 वां दिन

सोपान, नई दिल्ली, अक्टूबर 5, अक्टूबर 4, 2008 के लिये लिखा गया, 8:35am

माफ़ कीजिए!

बस नाती-नातिन और उनकी मस्ती में इतना व्यस्त रहा कि मैं कल रात आ न सका आपके और ब्लाग के पास।

संगीत का कार्यक्रम 'स्नैप' बहुत आनंददायक रहा। इतनी मेहनत से बनाया गया और प्रस्तुत किया गया। हर विभाग में कमाल की बारीकी और मेहनत दिखाई दी। हर छोटे बच्चे ने ईमानदारी से और लगन से अपनी भूमिका अदा की। इतनी खुशी हुई। कमाल का आत्मविश्वास था, मन को लुभाने वाले इन युवा अभिनेताओं में!

सेट, परिधान, गीत और नृत्य और सबसे महत्वपूर्ण बात इस कार्यक्रम की अवधारणा, बस बिल्कुल असाधारण। और मैं तो कहूँगा कि छोटी नव्य-नवेली ने, नि:संदेह, अपने नृत्य से कार्यक्रम में चार चाँद लगाए।

एक उल्लेखनीय और आत्मीय और सबसे सुखद शाम गुज़री बच्चो के साथ, और दिल्ली के पुराने दोस्तों से मुलाकात, कुछ कालेज के, कुछ स्कूल के, अब सब दादा-दादी हैं, सब अपने पोतो-पोती को समर्पित, सफ़ेद बाल वाले वृद्ध। कैसे समय हमें बदल देता है। शाम खत्म हुई घर पर रात के भोजन के साथ जिसमें समधी परिवार भी साथ थे, और हँसी-खुशी के साथ कार्यक्रम के बारे में कई किस्से सुनाए गए, कई बाते की गई।

बच्चे होते ही इसलिए हैं। वे इस ब्रह्मांड की बनाई हुई सबसे अच्छी चीज है। कई लोग चाहते हैं कि एक इस तरह की गोली बनाई जाए ताकि बच्चे हमेशा ऐसे ही रहे - प्यारे, लुभावने और मासूम।

कितनी अद्भुत होगी ऐसी दुनिया!!

अब मैं वापस काम की और लौट रहा हूँ। शूटिंग के लिए। 'तीन पत्ती' के लिए। हड़ताल खत्म हो गई है। समस्या सुलझ गई है शायद। कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया जाना चाहिए और यथायोग्य श्रेय। वे फ़िल्म उद्योग की रीढ़ की हड्डी हैं।

दिन के दौरान और लिखूँगा, तब तक के लिए ..

अमिताभ बच्चन

3 comments:

Unknown said...

परम सम्माननीय मुन्ना जी आपका ब्लॉग हमारे लिए एक टॉनिक है. यह यथार्थवादी है और सकारात्मक सोचने के लिए प्रेरित किया.

Unknown said...

ब्लॉग तुम्हारा हमारे लिए एक टॉनिक है परम सम्माननीय मुन्ना (बिग बी अमिताभ) जी,. यह यथार्थवादी है और सकारात्मक सोचने के लिए प्रेरित किया.

Unknown said...

परम सम्माननीय मुन्ना (बिग बी अमिताभ) जी आपका ब्लॉग हमारे लिए एक टॉनिक है. यह यथार्थवादी है और सकारात्मक सोचने के लिए प्रेरित किया.